Swati Sharma

Add To collaction

लेखनी कहानी -24-Nov-2022 (यादों के झरोखे से :-भाग 13)

            जब मैं 12वी कक्षा में गई। मैंने 11वी कक्षा में जब विद्यालय छोड़ने की बात कही, तो प्रधानाचार्य महोदय ने बहुत मना किया। परंतु, वहां मेरी कोचिंग की सही व्यवस्था नहीं होने के कारण मुझे वह विद्यालय छोड़ना ही पड़ा। प्रधानाचार्य महोदय ने भारी मन से मुझे विदा किया। नए विद्यालय में सबकुछ नया था। हमारे दो अध्यापक दूसरे शहर से हमें पढ़ाने आते थे।

            12वी कक्षा में भौतिक विज्ञान के कोचिंग वाले अध्यापक ने मेरे पापा से मेरे विषय में यह बोला था कि यह लड़की काफ़ी अच्छा कर सकती है। आप इसे दुनिया के किसी भी कोने में भेज दीजिए यह कभी भी आपका एसअम्मान काम नहीं होने देगी। बाद में उन्होंने भी हमें अच्छा पढ़ाया और विद्यालय वाले अध्यापक गणों ने भी हमें बहुत अच्छा पढ़ाया। विद्यालय में जो अध्यापक गणहमें पढ़ाते थे, उन्होंने ही मुझे मेरे बोर्ड परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करने की खुश खबरी दी थी। परंतु, मुझे लगा वो मुझसे मजाक कर रहे हैं। बाद में वो अध्यापक रक्षा बंधन पर मुझसे राखी बंधवाने आए। अतः मुझे उस विद्यालय में एक बहुत ही अच्छे बड़े भाई मिल गए। उन्होंने मुझे हमेशा सहयोग दिया और आज भी वो मुझे एक बड़े भाई की तरह मेरी हर बात सुनते और मुझे सही सलाह भी देते हैं। आज भी हमारे घर के हर कार्यक्रम में वो बड़े भाई की भूमिका निभाते हैं।
            मेरे जीवन में जो भी समस्या आती है मैं उनसे एक बार राय जरूर।लेती हूं। उनसे बात ज़रूर करती हूं। सर की पत्नी यानि हमारी भाभी भी बहुत अच्छी और प्यारी हैं। दोनों ही दंपती हमें बहुत प्रेम और आशीर्वाद देते हैं। यह सर मुझे हमें रसायनिक विज्ञान पढ़ाते थे।
            एक अध्यापक और थे, जो हमें रसायनिक विज्ञान पढ़ाते थे और उनके मैं कोचिंग जाती थी। जब मेरे रसायनिक विज्ञान में बहुत अच्छे और सबसे ज़्यादा नंबर मिले थे। तब पापा मेरे उन अध्यापक से मेरे आगे के भविष्य के विषय में बात करने गए तब उन्होंने पापा को कहा कि वे मुझे बेझिझक कहीं भी, दुनिया के किसी भी कोने में भेज सकते हैं। मुझे ज़रा भी आशा नहीं थी की वे मेरे विषय में इतनी बड़ी बात कहेंगे।
              जब हमारे अध्यापक गण हमारे विषय में हमारे माता- पिता से कुछ सकारात्मक बात कहते हैं तो सच में हमारा आत्मविश्वास काफ़ी बढ़ जाता है। हमें इस संसार की कोई भी चीज़ दुर्लभ और अप्राप्य महसूस नहीं होती।

   15
7 Comments

Sachin dev

03-Dec-2022 04:36 PM

Well done

Reply

Peehu saini

02-Dec-2022 09:51 PM

Bahut khoob 😊🌸

Reply

Swati Sharma

02-Dec-2022 10:33 PM

Thank you 🙏🏻💐😇

Reply

Renu Singh"Radhe "

02-Dec-2022 08:17 AM

बहुत खूब

Reply

Swati Sharma

02-Dec-2022 05:08 PM

धन्यवाद

Reply